GOD DIRECTIONS
"God Directions" परमपिता परमात्मा ने हमें पूरी तरह से सच्चा इंसान बनाया और अपने ही अंश से इंसान का निर्माण किया तो भला हम कैसे अधर्मी हो सकते हैं। हमारे उपर धर्म की अदालत है और इस धर्म की अदालत का जज परमपिता परमात्मा है। धर्म की अदालत से उपर और कोई अदालत नहीं है। मुझे और हम सब को सनातन धर्म की अदालत के नियमों के अनुकूल चलना है और अपने जज परमपिता परमात्मा पर सदैव विश्वास रखना है। जहाँ धर्म है वहीं पर स्वर्ग का आनंद है। सच्चे आनंद की अनुभूति हमको तभी होती है जब हमारे मन में उठने वाले नकारात्मक विचारों से हम पूर्णतया मुक्त होते हैं। हमारा मन एक आकाश की तरह है जिसमें अनेक विचारों का आदान-प्रदान होता रहता है। लेकिन हमको उस नकारात्मक ऊर्जा से न तो प्रभावित होना है न ही उससे जुड़ना है। क्योंकि परमपिता परमात्मा ने हमको सोचने और समझने की शक्ति हम इंसानों को दी है और जब हम सब कुछ समझते हुए नकारात्मक कार्य (अकर्मण्य) और नकारात्मक विचारों से जुड़ जाते हैं तो यह हमारे चरित्र को और स्वंय को नष्ट करने वाला कार्य बन जाता है। नकारात्मक विचारों का प्रभाव इतनी तीव्र गति से चल रहा ह...