STORY OF MOTIVATION (B)

Story of motivation (B)
किताब का अध्ययन तो हम कर रहे हैं लेकिन उस अध्ययन से प्राप्त शिक्षा को अपने अंदर नहीं उतार रहे हैं पर हम को समझना होगा कि जो हम किताबों में पढ़ते हैं उसको हमें अपने अंदर उतारना भी है ना कि केवल उसको रट कर पास होना है इसी प्रकार जो शिक्षा देने वाले हैं उनको किताबी ज्ञान देने के साथ साथ नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना भी बहुत जरूरी है नैतिक शिक्षा अर्थात सामाजिक सेवा ,सामाजिक ज्ञान की शिक्षा देना बहुत जरूरी है यदि हमने पढ़ाई को रट कर केवल नौकरी के उद्देश्य से अपनी कक्षाओं को पास किया तो वह केवल शिक्षा व्यापार मात्र है वह पढ़ाई लिखाई केवल इस तरह है किमानो पानी तो है पर प्यास नहीं बुझ रही है शिक्षा के साथ साथ संस्कारों का भी होना बहुत जरूरी है सद्गुणों का होना बहुत जरूरी है । इसलिए किसी व्यक्ति को शिक्षित होना तभी शोभा देता है जब वह छल कपट से दूर, बुराइयों से दूर हो और सत्य मार्ग का अनुसरण करते हुए परिश्रम करते हुए अपनी शिक्षा प्राप्ति को करें।Blogger

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MOTIVATION BY NAGESH CHOPRA

 हमारी शिक्षा प्राप्ति के स्रोत जितने सकारात्मक होंगे उतने ही अधिक हम सकारात्मक होंगे
1. सर्वप्रथम हमारी घर की शिक्षा सकारात्मक हो
2. विद्यालय की शिक्षा सकारात्मक हो
3. हमारे विचार शुद्ध सकारात्मक और दृढ़ संकल्पित हो
तब निर्भर करता है एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण और व्यक्तित्व के निर्माण के साथ एक अच्छे देश का निर्माण। आजकल जितने भी चल चित्र के द्वारा हम किसी कहानी किसी नाटक को देखते हैं रवि हमारे लिए एक शिक्षा का स्रोत है यदि उसमें शुद्धता और सकारात्मक नहीं है तो वह भी हमारे समाज पर और हम पर एक गलत प्रभाव डालती हैं इसलिए हमें सोचना चाहिए की किसी भी चलचित्र की कहानी में ऐसा चरित्र ना हो जिसका देखने वाले पर उसका गलत प्रभाव पढ़े

लोगो का यही मानना होता है की समय और तारीख के बदलते ही जिंदगी भी बदलती है। लेकिन वास्तव में जिंदगी का बदलाव किसी निश्चित तारीख या समय पर निर्भर नही करता। बल्कि यह तो सतत चलने वाली हर किसी के जीवन में होने वाली प्रक्रिया है।

जिंदगी हमेशा चलती रहती है। जीवन में यदि कोई चीज स्थिर है तो वह बदलाव है। जिंदगी का हर एक पल बदलता रहता है। फिर चाहे उन पलो में आप नए घर भी जा सकते हो। नयी जगह भी जा सकते हो। नया जॉब भी हासिल कर सकते हो। नयी कार भी खरीद सकते हो। शादी या तलाख भी कर सकते हो। बच्चे को जन्म भी दे सकते हो। आर्थिक लाभ या हानी भी हो सकती है और कुछ भी बदलाव हो सकते है।

ये सब कुछ हम सभी के जीवन में होता है। हमारे जीवन का ये एक प्राकृतिक भाग है। कभी-कभी बदलाव हमारे लिये अच्छा भी हो सकते है और कभी-कभी हमारे विरूद्ध भी हो सकते है।

लोग बदलाव को जिंदगी की सबसे बड़ी चीज मानते है। क्योकि बदलाव हम में से हर किसी के जीवन में होता ही है।

इस दुनिया में चीजे कभी एक जैसी नही रहती। वे लगातार बदलती रहती है। इंसानी विचारो की तरह इस दुनिया में चीजे भी बदलती रहती है। बदलाव को रोकने के फिर चाहे आप कितने की प्रयास क्यों न कर लो। बदलाव यदि होना है तो आप उसे होने से नहीं रोक सकते। जिंदगी में होने वाले बदलावों को आप नहीं रोक सकते।

बदलाव जीवन का ही एक प्राकृतिक भाग है। हमें बदलाव को बिना किसी विरोध के अपनाना चाहिये। साधारणतः सामान्य लोगो को बदलाव से काफी डर लगता है। क्योकि उन्हें इस बात का डर होता है की कही बदलाव से वे विपरीत परिस्थितियों में न फास जाये। या फिर कही वह अपनी वर्तमान सफलता न खो बैठे।

यह सिद्ध हो चूका है की किसी के भी खिलाफ लड़ने से वह आपको और ज्यादा ख़राब बनाते है। बदलाव हमेशा अलग-अलग नही होते। जब आप बदलाव का सामना करते हो तो उस से आपको गुस्सा, अशांति, दर्द, चिंता और तकलीफ हो सकती है क्योकि उस समय आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती रहती है।

इसीलिए आनंदमय जीवन जीने के लिये आपको यह सलाह देना चाहूँगा की जीवन में बदलाव को ख़ुशी से अपनाये। अपनी महत्वपूर्ण उर्जा को गुस्सा करने में चिंता करने में या लड़ने में व्यर्थ न करे। बल्कि अपनी उर्जा को अच्छी आदतों में लगाये।

यदि बदलाव से आपका कोई आर्थिक नुकसान होता है तो ज्यादा चिंतित मत होइए क्योकि शारीरिक और मानसिक नुकसान की तुलना में आर्थिक नुकसान काफी छोटा होता है। यहाँ मै आपको कुछ उपाय बताऊंगा जिससे आप बदलाव से होने वाले इन नुकसानों से बच सकते हो।

बदलाव को अपने विकास का अवसर समझे उसे विकास के नजरिये से देखे और उसे हसी-ख़ुशी अपनाये। नयी परिस्थितियों का, नयी चुनौतियों का हमेशा स्वागत करे।

आपमें सच का सामना करने की और उसे सुनने की आदत होनी चाहिये। तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हो।

बदलाव के इस अवसर को आपके कल्याण के लिये भगवान् द्वारा भेजा गया पुरस्कार समझिये। आपको हमेशा यह याद रहना चाहिये की भगवान् हमेशा आपके लिये अच्छा ही चाहता है और हमेशा आपका ध्यान रखता है। स्वर्ग में बैठा वह आपके पिता समान है।

इसीलिए उनके द्वारा भेजे गए अवसरों के रास्तो पर चलते हुए आप कभी गलत मार्ग पर नही जा सकते। इसीलिए जीवन में बदलाव को आसानी से अपनाये।

हमेशा याद रखे की हर नकारात्मक परिस्थिति भविष्य में आपके लिये सकारात्मकता के बीज बोये रखती है। यदि आपने कोई पुराणी चीज खो डी है तो डरिये मत भविष्य में आपको उस से भी अच्छी चीज मिल सकती है।

यदि आप बदलाव को चुनौतियों और अवसर की तरह स्वीकार करो तो आपका जीवन समृद्ध जीवन बन सकता है।

बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने पिछले 150 सालो का है। पिछले 150 सालो में तेज़ी से देश में बदलाव हुए है और देश का विकास हुआ है और ये बदलाव आज भी चलता जा रहा है। आप भी बदलाव की इसी दुनिया में रहते हो इसलिए आपको सहज ही इसे अपनाना चाहिये।

1. ध्यान लगाना – ध्यान केन्द्रित करने की बहोत सी तकनीक बहोत सी किताबो और लेखो में बताये गये है। ध्यान केन्द्रित करने से आप में चमत्कारीक रूप से अपार उर्जा का समावेश होता है। इससे आपका मस्तिष्क सकारात्मक विचारो से भरा होता है और सही दिशा में चलने लगता है।

बहोत सी ध्यान केन्द्रित करने वाली साधनाओ का उपयोग करके आप मनचाहे बदलाव भी कर सकते हो।

2. सांस लेने की क्रिया – श्वास ही जीवन है और योगा के आठ तत्वों में से एक श्वास है और इसे प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ श्वास संबंधी योगा करते हुए आप अपने मस्तिष्क को गति प्रदान कर सकते हो जिससे आपका मस्तिष्क जीवन में होने वाले बदलावों को आसानी से अपनायेंगा।

3. कल्पनाशक्ति – कल्पनाशक्ति एक तकनीक है। मस्तिष्क और कल्पनाशक्ति की ताकत से आप जीवन में जो चाहते हो वो बना सकते हो। आप अपनी जिंदगी में मनचाहे बदलाव कर सकते हो आप जिन लोगो को चाहते हो उन लोगो को भी अपने पास बुला सकते हो।

कल्पनाशक्ति आकर्षण के सिद्धांत की तरह ही काम करती है। कल्पनाशक्ति में भी आप परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना सकते हो। और जीवन में मनचाहे बदलाव कर सकते हो।

बदलाव के समय आपको भगवान् द्वारा कही प्रार्थना को पढना चाहिये

“जो कुछ भी हुआ अच्छे के लिये हुआ।जो कुछ भी हो रहा है अच्छे के लिये हो रहा है और,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा।”

इसीलिए खुद पर भरोसा रखे और विश्वास करे की भगवान् भी आपसे बहोत प्यार करता है। उसे आपकी फ़िक्र है वह कभी आपको मायूस नही करेगा ।

हमने सोचने की प्रणाली से इस दुनिया का निर्माण किया है। अपने विचारो को बदले बिना हम इस दुनिया को नहीं बदल सकते।

जीवित रहना मतलब बदलना, बदलना मतलब पूर्ण विकसित होना। विकसित होना मतलब अपनेआप को बनाना है।

आप दुनिया में जो बदलाव देखना चाहते है उसे देखने के लिये आपको खुद को बदलने की जरुरत होगी।

यदि हम दूसरो का इंतज़ार करेंगे तो बदलाव कभी नही आयेगा और यदि हम किसी और समय का इंतज़ार करेंगे। तो हमें खुद को बदलने की जरुरत होगी। तभी हम दुनिया में मनचाहा बदलाव देख पायेंगे।

हर कोई दुनिया को बदलने के बारे में सोचता है। लेकिन कोई अपने आप को नहीं बदलता।

आपकी जिंदगी भाग्य से अच्छी नही होती। बल्कि बदलाव से अच्छी होती है

वो हमेशा कहते है की समय चीजो को बदलता है। लेकिन वास्तव में हमें समय के अनुसार बदलने की जरुरत होती है।

सभी बदले बदलाव की शुरुवात एक छोटे से बदलाव से ही हुई है।

जब हम परिस्थितियों को नहीं बदल सकते। तो हमें स्वयं को बदलने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिये।

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