Aagyaa chakra
"Aagyaa chakra"
असीम शक्तियों का भंडार है आपका आज्ञा चक्र
हाँ दोस्तों ये सच बात है मनुष्य का शरीर असीम शक्तियों का भंडार है। अनगिनत पावर प्लांट है इसमें। इस पावर प्लांट या पावर हॉउस को समझना बहुत जरुरी है ताकि हम इसका भरपूर लाभ सके। यूँ तो पूरे शरीर में जितनी कुंडलिनी चक्र है उनमें आज्ञा चक्र का विशेष नाम आता है। यह चक्र मस्तक के बीच दोनों भौहों के मध्य में विराजमान है, जहाँ पर सब लोग बिंदी या तिलक लगाया करते हैं।
आज्ञा चक्र के साधक सदा निरोग, सम्मोहक और त्रिकालदर्शी माने जाते हैं। कुंडलिनी के इसी आज्ञा चक्र को योग साधनाओं दवारा जागृत करके किसी भी स्त्री /पुरुष का भुत भविष्य देखा जा सकता है। वर्तमान/तत्काल वह क्या सोंच रहा है यह आसानी से पता लगाया जा सकता है। चुकि पुरे शरीर में स्थित, लौह तत्व की अधिकांश मात्र आज्ञा चक्र पर ही स्थित होता है इस कारण चुम्बकीय प्रभाव भी यही पर होता है।
अतः जब इस चक्र का जब हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर में एक विशेष चुम्बकीय उर्जा का निर्माण होने लगता है उस उर्जा से हमारे अन्दर के दुर्गुण ख़त्म होकर, आपार एकाग्रता की प्राप्ति होने लगती है।
विचारों में दृढ़ता और दृष्टि में चमक पैदा होने लगता है। तत्पश्चात जब कहीं भी अपनी दृष्टि जाती है तो वहां के बारे में या उसके बारे में अंतर्रुपी ढंग से ज्ञान-अनुभव होने लगता है कि, सच्चाई क्या है। आज के युग में तो ऐसी साधना हर किसी को करनी ही चाहिए ताकि सामने वाले पुरुष या स्त्री के मन में क्या है बिना बताये पता लग जाय.
अतःआज्ञा चक्र जागृत कर एक अच्छा भविष्यवक्ता बना जा सकता है। समाज में अलग स्टेट्स बन सकते हैं। क्योंकि एकाग्रता आपके अन्दर भ्रमण करती रहती है। आज्ञाचक्र जागृत करने के लिए बहुत कठिन युक्ति भी नहीं है।
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