Sleep disorder
"sleep disorder"
अनिंद्रा ( Sleep Disorder)
अनिंद्रा आज के समय में आम बीमारी होती जा रही है जीवन का सुख और चैन समाप्त होगा तो अनिंद्रा की बीमारी धर दबाेचेगी और आवश्यकता से अधिक पाने की इच्छा, जीवन के प्रति असंतोष तथा भौतिक सुख सुविधाओं के प्रति अंधी आस्था ने मनुष्य के जीवन में इतनी अधिक गतिशीलता उत्पन्न कर दी है कि किसी साधारण व्यक्ति को भी जीने के लिए नाना प्रकार के पापड़ प्रतिदिन बेलने पड़ते हैं
जब हमारा चेतन मन सो जाता है तो मस्तिष्क और शरीर दोनों निंद्रा अवस्था में चले जाते है अनिंद्रा कोई रोग नहीं है यह रोग का लक्षण है जब चेतन मस्तिष्क में कोई विचार सक्रिय रहता है तो नींद नहीं आती ।नींद के लिए मस्तिक में मौजूद निंद्रा केंद्र की सक्रियता आवश्यक है किंतु चेतन मन के सक्रिय रहने से निंद्रा केंद्र निस्प्रभावी हो जाते है लगातार अनिंद्रा की स्थिति बने रहने से मस्तिष्क व शरीर को आराम नहीं मिल पाता जिससे मन मस्तिष्क स्नायु मंडल व शरीर थक जाता है परिणाम स्वरूप संपूर्ण सरीर व मस्तिष्क क्रियाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है अनिंद्रा शरीर व मन की अनेक बीमारियों को जन्म देती है निंद्रा का प्रधान कारण मन मस्तिष्क मे विचारों की सक्रियता का बने रहना है इसके अतिरिक्त दोषपूर्ण आहार विहार, शारीरिक परिश्रम न करना, अप्राकृतिक रहन-सहन, असंतोष, आशंका, व्याकुलता, डर, किसी का इंतजार शारीरिक उद्यीपन व तनावपूर्ण जीवन आदि भी अनिंद्रा के प्रमुख कारण है अनिद्रा के कारण नशे की आदत धूम्रपान, कॉफी,चाय, शोर शराबा, शारीरिक कष्ट, क्रोध चिढ़चिढ़ापन तथा उच्च रक्तचाप की बीमारियां भी हो जाती है
नाेट:- शारीरिक एवम मानसिक कार्य अवश्य करें रात को सोने से पहले बोर करने वाले कार्य करें या अरुचि कर किताबें पढ़ें हो सके तो "विचार ध्यान" करें इसके लिए मन में जो विचार चल रहे है उन में बहते चले जाइए अपनी तरह का कोई विचार ना चलाये जैसा विचार आ रहा है उसको ही देखते चले जाएं देखते चले जाए देखते चले जाए ।
Radha Krishna Radha Krishna Radha Radha
In English
"sleep disorder"
Sleep Disorder
Anindra is becoming a common disease in today's time, if the happiness and peace of life ends, then the disease of Anindra will suppress and desire to get more than necessary, dissatisfaction towards life and blind faith towards material comforts has so much in human life. Has created more mobility that even an ordinary person has to roll many types of papad daily to live.
When our conscious mind falls asleep, both the brain and the body go into a sleep state. Sleeplessness is not a disease. It is a symptom of the disease. When an idea is active in the conscious mind, sleep does not sleep. Activation of the body is necessary, but the sleep center becomes ineffective due to the active mind of the conscious mind. आराम Unable to get rest due to which the mind gets tired of the brain, the nervous system and the body, as a result, there is a bad effect on the whole body and brain functions. Sleeplessness gives rise to many diseases of the body and mind. Apart from it, defective dieting, non-physical exertion, unnatural living, dissatisfaction, apprehension, distraction, fear, someone's desire Tjar physical Udyipan and stressful life, etc. leading cause of Anindra addiction smoke, coffee, tea, Noise caused by insomnia, physical pain, anger is Cidhcidhapan and hypertension diseases
Nate: - Do physical and mental work, do boring tasks before sleeping at night or if you can read books by disinterest, then "meditate thoughts", for this, let the thoughts that are going on in the mind keep flowing in someone of your kind. Do not run the thought as you are thinking, go on looking at it and go away.
Radha Krishna Radha Krishna Radha Radha.
अनिंद्रा ( Sleep Disorder)
अनिंद्रा आज के समय में आम बीमारी होती जा रही है जीवन का सुख और चैन समाप्त होगा तो अनिंद्रा की बीमारी धर दबाेचेगी और आवश्यकता से अधिक पाने की इच्छा, जीवन के प्रति असंतोष तथा भौतिक सुख सुविधाओं के प्रति अंधी आस्था ने मनुष्य के जीवन में इतनी अधिक गतिशीलता उत्पन्न कर दी है कि किसी साधारण व्यक्ति को भी जीने के लिए नाना प्रकार के पापड़ प्रतिदिन बेलने पड़ते हैं
जब हमारा चेतन मन सो जाता है तो मस्तिष्क और शरीर दोनों निंद्रा अवस्था में चले जाते है अनिंद्रा कोई रोग नहीं है यह रोग का लक्षण है जब चेतन मस्तिष्क में कोई विचार सक्रिय रहता है तो नींद नहीं आती ।नींद के लिए मस्तिक में मौजूद निंद्रा केंद्र की सक्रियता आवश्यक है किंतु चेतन मन के सक्रिय रहने से निंद्रा केंद्र निस्प्रभावी हो जाते है लगातार अनिंद्रा की स्थिति बने रहने से मस्तिष्क व शरीर को आराम नहीं मिल पाता जिससे मन मस्तिष्क स्नायु मंडल व शरीर थक जाता है परिणाम स्वरूप संपूर्ण सरीर व मस्तिष्क क्रियाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है अनिंद्रा शरीर व मन की अनेक बीमारियों को जन्म देती है निंद्रा का प्रधान कारण मन मस्तिष्क मे विचारों की सक्रियता का बने रहना है इसके अतिरिक्त दोषपूर्ण आहार विहार, शारीरिक परिश्रम न करना, अप्राकृतिक रहन-सहन, असंतोष, आशंका, व्याकुलता, डर, किसी का इंतजार शारीरिक उद्यीपन व तनावपूर्ण जीवन आदि भी अनिंद्रा के प्रमुख कारण है अनिद्रा के कारण नशे की आदत धूम्रपान, कॉफी,चाय, शोर शराबा, शारीरिक कष्ट, क्रोध चिढ़चिढ़ापन तथा उच्च रक्तचाप की बीमारियां भी हो जाती है
नाेट:- शारीरिक एवम मानसिक कार्य अवश्य करें रात को सोने से पहले बोर करने वाले कार्य करें या अरुचि कर किताबें पढ़ें हो सके तो "विचार ध्यान" करें इसके लिए मन में जो विचार चल रहे है उन में बहते चले जाइए अपनी तरह का कोई विचार ना चलाये जैसा विचार आ रहा है उसको ही देखते चले जाएं देखते चले जाए देखते चले जाए ।
In English
"sleep disorder"
Sleep Disorder
Anindra is becoming a common disease in today's time, if the happiness and peace of life ends, then the disease of Anindra will suppress and desire to get more than necessary, dissatisfaction towards life and blind faith towards material comforts has so much in human life. Has created more mobility that even an ordinary person has to roll many types of papad daily to live.
Nate: - Do physical and mental work, do boring tasks before sleeping at night or if you can read books by disinterest, then "meditate thoughts", for this, let the thoughts that are going on in the mind keep flowing in someone of your kind. Do not run the thought as you are thinking, go on looking at it and go away.
Radha Krishna Radha Krishna Radha Radha.
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